राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (RCF) ने आरसीएफ NPK प्रोजेक्ट थाल की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य भारत में DAP और NPK उर्वरकों की घरेलू आपूर्ति को मज़बूत करना है। यह 1,200 MTPD (DAP आधार) की क्षमता वाला प्रोजेक्ट आयात पर निर्भरता कम करेगा और भारतीय कृषि के लिए संतुलित पोषक तत्व उपलब्ध कराएगा। RCF को उम्मीद है कि यह परियोजना जनवरी 2027 तक कमीशन हो जाएगी।
RCF NPK प्रोजेक्ट की मुख्य विशेषताएँ
स्थान: थाल यूनिट, रायगढ़, महाराष्ट्र
क्षमता: 1,200 MTPD (DAP के आधार पर)
प्रोजेक्ट लागत: लगभग ₹914.58 करोड़ (GST को छोड़कर)
EPC ठेकेदार: लार्सन एंड टुब्रो (L&T) – हाइड्रोकार्बन और एनर्जी डिविजन
एक्ज़ीक्यूशन मोड: लंप-सम टर्नकी (LSTK / L-EPC)
समयसीमा: पुरस्कार से 27 महीने
कमीशनिंग लक्ष्य: जनवरी 2027
अनुमोदन और परियोजना की स्थिति
RCF NPK फर्टिलाइज़र प्लांट को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) से पर्यावरणीय मंज़ूरी मिल चुकी है। इसे उर्वरक विभाग से प्रशासनिक स्वीकृति भी प्राप्त हुई है।
RCF ने अक्टूबर 2024 में लार्सन एंड टुब्रो (L&T) को वर्क ऑर्डर प्रदान किया। यह अनुबंध लाइसेंसिंग, इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट, कंस्ट्रक्शन और कमीशनिंग को कवर करता है। परिणामस्वरूप, परियोजना निष्पादन चरण में प्रवेश कर चुकी है और इंजीनियरिंग व प्रोक्योरमेंट गतिविधियाँ प्रगति पर हैं।
RCF NPK प्रोजेक्ट थाल का महत्व
भारत में उर्वरकों की मांग लगातार बढ़ रही है और देश DAP तथा कॉम्प्लेक्स ग्रेड्स के लिए अभी भी आयात पर निर्भर है। RCF NPK फर्टिलाइज़र प्लांट थाल परियोजना:
आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत उर्वरक उत्पादन में आत्मनिर्भरता को बढ़ाएगी।
भारतीय किसानों के लिए NPK जैसे कॉम्प्लेक्स उर्वरकों की आपूर्ति में सुधार करेगी।
बाज़ार की ज़रूरतों के आधार पर अलग-अलग NPK ग्रेड्स बनाने की लचीलापन देगी।
इसके अलावा, यह परियोजना खरीफ और रबी दोनों मौसमों में समय पर उर्वरक उपलब्ध कराएगी, जिससे मौसमी कमी कम होगी।
वित्तीय और औद्योगिक प्रभाव
₹914.58 करोड़ के निवेश के साथ, RCF NPK प्रोजेक्ट थाल घरेलू उर्वरक क्षमता विस्तार के प्रति RCF की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
साथ ही, यह परियोजना भारत के लक्ष्यों को भी समर्थन देगी:
उर्वरक उत्पादन में ऊर्जा दक्षता,
आधुनिक तकनीक को अपनाना, और
टिकाऊ कृषि इनपुट उपलब्ध कराना।
निष्कर्ष
RCF NPK फर्टिलाइज़र प्लांट थाल परियोजना एक ऐतिहासिक विस्तार है, जो आने वाले वर्षों तक भारत के उर्वरक क्षेत्र को आकार देगा। L&T द्वारा इस परियोजना को निष्पादित करने और जनवरी 2027 तक कमीशनिंग का लक्ष्य रखते हुए, यह निवेश आयात पर निर्भरता को काफी हद तक कम करेगा और भारतीय किसानों के लिए पोषक तत्व सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।
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