थाल अमोनिया संयंत्र सुधार परियोजना: EPC आरएफक्यू की अंतिम तिथि 3 अक्टूबर 2025
राष्ट्र्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (RCFL) ने अपनी महत्वाकांक्षी परियोजना थाल अमोनिया संयंत्र सुधार परियोजना को आगे बढ़ा दिया है। इस परियोजना का उद्देश्य ऊर्जा दक्षता बढ़ाना और उत्पादन लागत कम करना है।
यह रिवैम्प एचटीएएस (HTAS) स्कीम के तहत लागू किया जा रहा है। तकनीकी आपूर्तिकर्ता के रूप में हैलडर टॉपसो ए/एस (Haldor Topsoe A/S), डेनमार्क को चुना गया है।
थाल अमोनिया संयंत्र सुधार परियोजना EPC आरएफक्यू जारी-
RCFL ने परियोजना को गति देने के लिए EPC कॉन्ट्रैक्टर के लिए RFQ जारी किया है। इच्छुक कंपनियों को अपनी बोली 3 अक्टूबर 2025 तक जमा करनी होगी।
यह टेंडर परियोजना के क्रियान्वयन का महत्वपूर्ण कदम है। इसके अलावा, यह योजना की दिशा तय करेगा और कार्यान्वयन को तेज करेगा।
परियोजना लागत और समयसीमा
इस रिवैम्प की अनुमानित लागत ₹1,308 करोड़ (कर समेत) है। कंपनी का लक्ष्य है कि काम जुलाई 2027 तक पूरा हो।
इसके बाद, थाल अमोनिया यूनिट और प्रतिस्पर्धी बनेगी। वहीं, RCFL की स्थिति भारतीय उर्वरक बाजार में और मजबूत होगी।
ऊर्जा बचत और स्थिरता
थाल अमोनिया प्लांट रिवैम्प से प्रति मीट्रिक टन अमोनिया उत्पादन पर 0.40 Gcal ऊर्जा बचत होगी। परिणामस्वरूप, ईंधन लागत घटेगी और प्राकृतिक गैस पर निर्भरता भी कम होगी।
इसके अलावा, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी आएगी। यह पहल भारत के सतत और ऊर्जा दक्ष उर्वरक उत्पादन लक्ष्यों को समर्थन देगी।
रणनीतिक महत्व
इस परियोजना से RCFL की दीर्घकालिक रणनीति और मजबूत होगी। इसलिए, थाल अमोनिया प्लांट आने वाली चुनौतियों का सामना कर सकेगा।
साथ ही, यह भारत की ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरणीय स्थिरता की दिशा में एक अहम योगदान होगा।
अंत में, थाल अमोनिया प्लांट रिवैम्प केवल तकनीकी सुधार नहीं है। यह RCFL का दूरदर्शी कदम है, जो उर्वरक उत्पादन को अधिक हरित और कुशल बनाएगा।
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